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विज्ञान से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण नियम - Some Important Rules of Science in Hindi [With PDF]


विज्ञान से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण नियम

Some Important Rules of Science in Hindi

आर्कमिडीज का सिद्धान्त (Archimedes' principle)
किसी द्रव में किसी ठोस की आंशिक या पूर्णतः डुबाने पर ठोस के भार में कमी प्रतीत होती है तथा ठोस के भार में यह आभासी कमी उसके द्वारा विस्थापित द्रव के भर के बराबर होती है, डूबना, तैरना आदि इसी सिद्धान्त पर आधारित हैं।

न्यूटन का गति विषयक प्रथम नियम Newton's First laws of motion
सर आइजक न्यूटन ने सन् 1686 में गैलीलियो के विचारों को नियम के रूप में प्रस्तुत किया जिसे न्यूटन का गति विषयक प्रथम नियम कहते हैं- “यदि कोई वस्तु विरामावस्था में है, या एक सरल रेखा में समान वेग से गतिशील रहती है, तो उसकी विरामावस्था या समान गति की अवस्था में परिवर्तन तभी होता है, जब उस पर कोई बाह्य बल लगाया जाता है।
बाह्य बल के अभाव में किसी वस्तु की अपनी विरामावस्था या समान गति की अवस्था को बनाये रखने की प्रवृत्ति को जड़त्व (Intertia) कहते हैं। अतः उपर्युक्त नियम का दूसरा नाम जड़त्व का नियम भी है।
उदाहरण- वृक्ष को हिलाने पर फलों का नीचे गिरना, कम्बल की छड़ी से पीटने से या पटकने से धूल के कणों का अलग होना आदि।

न्यूटन का गति विषयक द्वितीय नियम Newton's Second laws of motion
न्यूटन के गति विषयक प्रथम नियम से स्पष्ट है कि किसी वस्तु पर बल लगाने से उसकी गति में परिवर्तन होता है। गति में परिवर्तन का अर्थ, वस्तु में त्वरण का होना है। अतः किसी वस्तु पर बल लगाने से उसमें त्वरण उत्पन्न होता है। वस्तु में उत्पन्न त्वरण वस्तु पर लगाये गये बल के अनुक्रमानुपाती है। अर्थात् संवेग परिवर्तन की दर लगाये गये बल के समानुपाती होता है एवं वह संवेग बल की दिशा की ओर निर्देशित होता है।
उदाहरण- क्रिकेट खिलाड़ी गेंद पकड़ते समय हाथ पीछे खींच लेता है, काँच के बर्तन फर्श पर गिरने से टूट जाते हैं, पर गलीचे पर नहीं टूटते आदि।

न्यूटन का गति विषयक तृतीय नियम Newton's Third laws of motion
प्रत्येक क्रिया की प्रतिक्रिया उसके समान बराबर एवं विपरीत दिशा में होती है।
उदाहरण- जेट हवाई जहाज का चलना, चिड़ियों का आकाश में उड़ना आदि।

कैलोरीमिति का सिद्धांत
(Principle of Calorimetry)
भिन्न-भिन्न ताप पर दो वस्तुओं को एक-दूसरे के सम्पर्क में लाने पर या मिश्रित करने पर ऊष्मा का स्थानान्तरण अधिक ताप वाली वस्तु से कम ताप वाली वस्तु की ओर तब तक होता रहता है, जब तक दोनों का तापमान समान नहीं हो जाता अर्थात् किसी निकाय में दी गयी ऊष्मा की मात्रा ली गयी ऊष्मा के बराबर होती है।

ब्रूस्टर का नियम (Brewster's law)
जब प्रकाश किसी पारदर्शी माध्यमः पर एक विशेष कोण पर आपतित होता है तो परावर्तित कोण को
ध्रुवण कोण (Polarising angle) कहते हैं।
इसे ब्रूस्टर का नियम कहते हैं।

केप्लर के ग्रहीय गति के नियम (Kepler's laws of planetary motion)
1. सभी ग्रहों की कक्षा की कक्षा दीर्घवृत्ताकार होती है तथा सूर्य इस कक्षा के नाभिक (focus) पर होता है।
2. ग्रह को सूर्य से जोड़ने वाली रेखा समान समयान्तराल में समान क्षेत्रफल तय करती है।
3. ग्रह द्वारा सूर्य की परिक्रमा के कक्षीय अवधि का वर्ग, अर्ध-दीर्घ-अक्ष (semi-major axis) के घन के समानुपाती होता है।

हुक का नियम (Hooke’s law)
प्रत्यास्थता सीमा के अन्तर्गत प्रतिबल सदैव, विकृति के समानुपाती होता है।

जूल का नियम (Joule's law)
जब किसी चालक में धारा भेजी जाती है तो उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा:
1.
चालक में भेजी धारा के वर्ग के अनुक्रमानुपाती
2.
समय के अनुक्रमानुपाती होती है जिसके लिए धारा भेजी है।
3.
चालक के प्रतिरोध के अनुक्रमानुपाती होती है।

कूलॉम का नियम (Coulomb's law)
दो बिन्दु आवेशों के मध्य लगने वाला विद्युतीय बल आवेशों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

आवोगाद्रो की परिकल्पना (Avogadro's law)
समान ताप दाब पर प्रत्येक गैस के समान आयतन में अणुओं की संख्या समान होती है।

फैराडे के विद्युत विच्छेदन सम्बन्धी नियम
फैराडे के विद्युत विच्छेदन सम्बन्धी नियम निम्नलिखित हैं:
1.
इलैक्ट्रोड पर एकत्र पदार्थ की मात्रा अपघट्य में भेजी गयी विद्युत्की मात्रा के अनुक्रमानुपाती होती है।
2.
इलैक्ट्रोड पर एकत्रित पदार्थ की मात्रा उस पदार्थ के तुल्य्भर के अनुक्रमानुपाती होती है।

किरचॉफ का नियम
(Kirchhoff's laws)
तत्व अवस्था में प्रत्येक पदार्थ जीन विशिष्ट तरंगों को उत्सर्जित करता है, वह ठण्डी अवस्था में उन्हीं विशिष्ट तरंगों को अवशोषित करता है।

मोजले का नियम
किसी तत्व के परमाणु से उत्सर्जित किरणों की आवृत्ति का वर्गमूल तत्व के परमाणु क्रमांक के समानुपाती होता है।

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम(Newton's Law of Universal Gravitation)
दो कणों के मध्य लगने वाला बल उनके द्रव्यमान के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

न्यूटन का शीतलन नियम (Newton's law of cooling)
किसी गर्म वस्तु की ऊष्मा के ह्रास की मात्रा प्रति सेकण्ड उस वस्तु तथा उसके चारों ओर उपस्थित वातावरण के ताप के अन्तर के अनुक्रमानुपाती होती है तथा यह वस्तु की प्रकृति पर निर्भर नहीं करती है।

लाप्लास का नियम (Laplace’s law)
किसी चालक तार में विद्युतधारा प्रवाहित करने पर किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता:
1.
चालक तार में बहने वाली विद्युतधारा के अनुक्रमानुपाती होती है।
2.
चालक की अल्पांश लम्बाई के अनुक्रमानुपाती होती है।
3.
चालक से उस बिन्दु की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
4.
चालक से बने कोण की ज्या के अनुक्रमानुपाती होती है।

ऊष्मा गतिकी  का प्रथम नियम( First law of thermodynamics)
यदि किसी यन्त्र द्वारा ऊष्मा प्रदान करने में कार्य किया जाता है, तो यन्त्र की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है जो दी गई ऊष्मा एवं किये गये कार्य के अन्तर के बराबर होती है।

वीन का विस्थापन नियम
किसी पिण्ड से उच्चतम ऊर्जा की उत्सर्जित तरंगदैर्घ्य तथा परमताप का गुणनफल एक नियतांक होता है।

स्पर्शज्या नियम
दो समरूप परस्पर लम्बवत् चुम्बकीय क्षेत्रों की तीव्रताओं का अनुपात उस कोण की स्पर्शज्या के बराबर होता है, जो उन चुम्बकीय क्षेत्रों के बीच स्वतन्त्रतापूर्वक लटकायी गई चुम्बकीय सुई स्थिर अवस्था में चुम्बकीय यामोत्तर के साथ बनाती है।

आघूर्णो का सिद्धान्त
यदि कोई पिण्ड घूमने के लिए स्वतन्त्र हो और उस पर कई बल कार्य कर रहे हों, तो सन्तुलन अवस्था में उन बलों के आघूर्णो का बीजीय योग शून्य के बराबर होता है।

पास्कल का नियम (Pascal’s law)
किसी द्रव से भरे हुये बन्द पात्र के किसी बिन्दु पर अतिरिक्त दाब लगाएँ, तो वह सम्पूर्ण द्रव पर सभी दिशाओं में समान मात्रा में वितरित हो जाता है।

ओह्म का नियम ( Ohm's law)
यदि किसी चालक की भौतिक परिस्थितियाँ स्थिर रखी जाएँ, तो चालक में बहने वाली विद्युत की मात्रा चालक के सिरों पर उत्पन्न होने वाले विभवान्तर के समानुपाती होती है।

प्रकाश का क्वांटम नियम (Light Quantum rules)
प्रकाश के कणों की फोटोन कहते हैं। इसकी उर्जा उसकी आवृत्ति के अनुक्रमानुपाती होती है।
फोटोन के लिये
E = hυ

प्लवन का नियम (Law of Flotation)
प्लवन करने वाली वस्तु का भार उस वस्तु द्वारा हटाये गये द्रव के भार के बराबर होता है।

बॉयल का नियम (Boyle’s law)
स्थिर ताप पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का आयतन उसके दाब के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
PV = k

चार्ल्स का गैस दाब का नियम (
Charle's Law of Gas Pressure)
स्थिर दाब पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का ताप 1°C बढ़ाने या घटाने से उसका आयतन 0°C वाले आयतन का 1/273 भाग बढ़ या घट जाता है। यह चार्ल्स का नियम है। इसी नियम को इस प्रकार भी कहा जाता है कि स्थिर दाब पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का आयतन गैस के परमताप के अनुक्रमानुपाती होता है।
V = kT

डॉल्टन का आंशिक दाब का नियम (Dalton's law)
यदि दो या दो से अधिक गैसें जो आपस में क्रिया नहीं करतीं, किसी बर्तन में बन्द कर दी जाएं तो उनका सामूहिक दाब उन आंशिक दाबों के योग के बराबर होता है, जो प्रत्येक गैस उस बर्तन में अलग-अलग बन्द किये जाने पर डालती हैं।

गैस समीकरण (Ideal gas law)
किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान के आयतन, दाब तथा परम ताप के सम्बन्ध को समीकरण के रूप में प्रदर्शित करने को गैस समीकरण कहते हैं। इसे
PV = RT  
लिखा जाता है।

ड्यूलोंग एवं पेटिट का नियम (Law of Dulong and Petit)
किसी भी तत्व के लिए परमाणु भार तथा विशिष्ट ऊष्मा का गुणनफल 6.4 के बराबर होता है।
गैलुसाक का गैसीय आयतन सम्बन्धी नियम
जब गैसें परस्पर रासायनिक संयोग करती हैं, तो उनके आयतनों में सरल अनुपात होता है और यदि उनके संयोग से बनने वाले पदार्थ भी गैसें हों, तो उनका आयतन भी क्रिया करने वाली गैसों के आयतन के सरल अनुपात में होता है, जबकि सभी गैसों के आयतन समान ताप और दाब पर नापे जाएं।

दाब का नियम (Pressure Rules)
स्थिर आयतन पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का दाब उसमें परमताप के अनुक्रमानुपाती होता है।

द्रव्य की अविनाशिता का नियम
द्रव्य अविनाशी है। इसे ती नष्ट किया जा सकता है और उत्पन्न ही किया जा सकता है। अर्थात् संसार में द्रव्य की मात्रा निश्चित है, वह कम अथवा अधिक नहीं हो सकती है।

रिचर (Ritcher) का तुल्य अथवा व्युत्क्रम अनुपात का नियम
जब दो तत्वों के भिन्न-भिन्न द्रव्यमान अलग-अलग किसी तीसरे तत्व के निश्चित द्रव्यमान से संयोग करते हैं और यदि इन दोनों तत्वों में कभी संयोग हो सके, तो वे उसी अनुपात में अथवा इसके एक सरल गुणित अनुपात में संयोग करेंगे जिसमें वे तीसरे तत्व के एक निश्चित द्रव्यमान से संयोग करता है। रासायनिक यौगिकों में उनके अवयवी तत्वों का भार एक निश्चित अनुपात में होता है।

गुणित अनुपात का नियम (Law of Multiple Proportion)
जब दो तत्व आपस में रासायनिक संयोग करके दो या दो से अधिक यौगिक बनाते हैं, तो एक तत्व के भिन्न-भिन्न भार जो दूसरे तत्व के निश्चित भार से संयोग करते हैं, परस्पर सरल अनुपात में होते हैं।

व्युत्क्रम अनुपात का नियम (Law of Reciprocal Proportion)
यदि दो भिन्न-भिन्न तत्व किसी तीसरे तत्व के एक निश्चित भार से संयोग करते हैं, तो पहले दोनों तत्वों के भार या तो उस अनुपात में होते हैं जिसमें वे दोनों संयोग करते हैं या यह अनुपात उनके संयुक्त होने वाले बहारों का सरल गुणक होता है।

डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त (Dalton Atomic Theory)
डाल्टन के परमाणु सिद्धान्त के निम्नलिखित आधार हैं-
1.
पदार्थ का निर्माण सूक्ष्म कणों से हुआ है, जिन्हें परमाणु कहते हैं। परमाणु को विभाजित नहीं किया जा सकता है।
2.
एक तत्व के सभी परमाणु समान होते हैं तथा दूसरे तत्व के परमाणुओं से भिन्न होते हैं।
3.
परमाणु संयोग करके यौगिक परमाणु बनाते हैं, जिन्हें अणु कहते हैं
4.
एक पदार्थ के सभी अणु समान होते हैं।
5.
परमाणु को ही नष्ट किया जा सकता है और ही उत्पन्न किया जा सकता है।

ग्राह्म का विसरण नियम (Graham’s gaseous diffusion law)
नियत ताप एवं दाब पर विभिन्न गैसों के विसरण की आपेक्षिक गतियॉ उनके घनत्व के वर्गमूल के विपरीत अनुपात में होती है।

आवर्त नियम (Periodic Trends)
यदि तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के क्रम में रखें तो समान गुण वाले तत्व एक निश्चित अवधि के बाद आते हैं।

फ्लेमिंग का बाएँ हाथ का नियम (Fleming's Left-Hand Rule)
यदि हम अपने बाएँ हाथ के अँगूठे और उसके पास वाली प्रथम दो उँगलियों को इस प्रकार फैलाएं कि वे तीनों परस्पर एक-दूसरे के लम्बवत् हो जाएं तब प्रथम उँगली चुम्बकीय क्षेत्र, दूसरी उँगली विद्युतधारा तथा अँगूठा चालक पर बल की दिशा को प्रदर्शित करती है।

फ्लेमिंग का दाएँ हाथ का नियम (Fleming's Right-Hand Rule)
यदि
हम अपने दाएँ हाथ का अँगूठा उसके पास वाली उँगली तथा बीच की उँगली एक-दूसरे के लम्बवत् फैलाएं तो बीच की उँगली प्रेरित विद्युत-धारा की दिशा प्रदर्शित करेगी, यदि अँगूठा चालक की गति की दिशा तथा उसके पास वाली उँगली चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में संकेत करती है।

लॉरेन्ज बल (Lorentz force)
चुम्बकीय क्षेत्र में गतिशील आवेश के ऊपर लगने वाले बल को लॉरेन्ज बल कहते हैं।

डार्विन का सिद्धान्त (Theory of Charles Darwin)
पृथ्वी पर जीवों का विकास प्राकृतिकवरण (Natural Selection) के द्वारा होता है।

लैमार्क का सिद्धान्त (Theory of Lamarck)
शरीर के जिस अंग का उपयोग अधिक होता है, वह उतना ही अधिक विकासशील होता है और जिस अंग का उपयोग नहीं होता, वह धीरे-धीरे समाप्त ही हो जाता है।

स्पंदन सिद्धान्त
पादप ऊतक के अन्तश्चर्म ऊतक की कोशिकाओं के सिकुड़ने और फैलने के कारन रसारोहन की क्रिया सम्पन्न होती है।


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1 Comments
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