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500+ हिंदी मुहावरे और अर्थ और वाक्य - Hindi Muhavare [PART-2]


500 हिंदी मुहावरे और अर्थ और वाक्य - Hindi Muhavare

हिंदी मुहावरे (Hindi Muhavare) और अर्थ और वाक्य - विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य हिंदी के अन्तर्गत आने वाले प्रमुख व महत्वपूर्ण मुहावरे (important idioms) यहां दी जा रही है। जो कि परीक्षाओं में पूछे जा चुके है और आगामी परीक्षाओं में पूछे जायेंगे। सनद रहे कि मुहावरा ऐसा संक्षिप्त वाक्य होता है जो अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करता है। ऐसे वाक्यों को ही मुहावरा कहते है। जैसे – 'अंगूर खट्टे होना' – प्राप्त न होने पर उस वस्तु को बेकार बताना

·        कच्चा चिट्ठा खोलना – छिपे हुए दोष बताना।

·        कच्ची गोली खेलना – अनाड़ीपन, ऐसा काम करना जिससे विफलता हाथ लगे।

·        कट जाना – बहुत लज्जित होना।

·        कटी पतंग होना – निराश्रित होना।

·        कटे पर नमक छिड़कना – दुखी को और दुखी करना।

·        कठपुतली की तरह नचाना – दूसरों से अपनी इच्छा के अनुसार काम कराना।

·        कड़वे घूंट पीना – कष्टदायक बात सहन कर जाना।

·        कन्नी काटना – बचकर निकल जाना।

·        कबाब में हड्डी – सुखोपभोग में बाधक होना।

·        कब्र में पांव लटकाना – मौत के निकट आना।

·        कमर कसना – तैयार होना।

·        कमर टूटना – हतोत्साहित होना।

·        करम फूटना – अभागा होना, भाग्य बिगड़ना।

·        कलई खुलना – पोल खुलना।

·        कलई खुलना – रहस्य प्रकट होना।

·        कलेजा छलनी होना – बहुत दुखी होना।

·        कलेजा ठंडा होना – संतोष होना।

·        कलेजा थामना – दुख सहने के लिए कलेजा कड़ा करना।

·        कलेजा निकालकर रख – सब कुछ समर्पित कर देना देना।

·        कलेजा पसीजना – दया आना।

·        कलेजा बैठना – घोर दुख होना।

·        कलेजा मुंह को आना – घबरा जाना।

·        कलेजे का टुकड़ा – अत्यधिक प्रिय होना।

·        कलेजे पर पत्थर रखना – चुपचाप सहन करना।

·        कलेजे पर सांप लोटना – ईर्ष्या से जलना।

·        कलेजे में आग लगना – दुख देना।

·        कसौटी पर कसना – अच्छी तरह जांच करना।

·        कहा-सुनी हो जाना – झगड़ा होना।

·        कहीं का न रखना – निराश्रय कर देना।

·        कांटा निकालना – बाधा या खटका दूर करना।

·        कांटा बोना – बुराई करना।

·        कांटे बिछाना – मार्ग में बाधा पैदा करना।

·        कांटों में घसीटना – बहुत दुख देना।

·        कागज की नाव – न टिकने वाली वस्तु।

·        कागजी घोड़े दौड़ाना – बहुत पत्र व्यवहार करना।

·        काटो तो खून नहीं – स्तध हो जाना।

·        काठ का उल्लू – महामूर्ख।

·        कान कतरना – बहुत चतुर होना।

·        कान का कच्चा – हर किसी बात पर विश्वास करने वाला।

·        कान खड़े होना – सावधान होना।

·        कान पर जूं न रेंगना – असर न होना।

·        कान भरना – चुगली करना।

·        कान में फूंक मारना – प्रभावित करना।

·        कानों में अंगुली डालना – सुनने की इच्छा न होना।

·        कानों में तेल डालना – ध्यान न देना।

·        काया पलट होना – रूप, गुण, दशा, स्थिति आदि का पूरी तरह बदल जाना।

·        कारूं का खजाना – अतुल धनराशि।

·        काला धन – बेईमानी से कमाया हुआ धन।

·        काले कोसों – बहुत दूर।

·        किला फतह करना – अत्यंत कठिन काम करना।

·        किसी के आगे पानी भरना – किसी की तुलना में फीका पड़ना।

·        किसी को न गिनना – सबको कमतर समझना।

·        किसी खूंटे से बांधना – किसी के साथ विवाह करना।

·        किसी पर बरस पड़ना – एकाएक किसी से क्रोधपूर्वक बातें करना।

·        किसी पर हाथ छोड़ देना – मारना-पीटना।

·        किस्मत का फेर – अभाग्य, दुर्भाग्य, जमाने का उलट-फेर।

·        कीड़े काटना – बेचैनी होना।

·        कुएं का मेढ़क – कम अनुभवी व्यक्ति।

·        कुएं में बांस डालना – बहुत दूर तक खोज करना।

·        कुएं में भांग पड़ना – सब की बुद्धि मारी जाना।

·        कुत्ता काटना – पागल होना।

·        कृपा होना – बहुत प्रसन्ना होना।

·        कोढ़ में खाज – संकट पर संकट।

·        कोर-कसर न रखना – हर संभव प्रयास करना।

·        कोरा जवाब देना – साफ इंकार करना।

·        कोल्हू का बैल – कड़ी मेहनत करते रहने वाला।

·        कौड़ियों के मोल बिकना – बहुत कम दाम पर बिकना।

·        खटाई में पड़ना – काम में रुकावट आना।

·        खाक छानना – दर-दर भटकना।

·        खाक फांकना – इधर-उधर मारा-मारा फिरना।

·        खाक में मिलना – नष्ट हो जाना।

·        खाक में मिलाना – नष्ट कर देना।

·        खिचड़ी पकाना – गुप्त रूप से षड्यंत्र रचना।

·        खीस निपोरना – कृपा की प्रार्थना करना।

·        खुदा की पनाह – ईश्वर बचाए।

·        खून का घूट पीना – क्रोध को अंदर ही अंदर सहना।

·        खून के आंसू रुलाना – बहुत अधिक सताना।

·        खून खौलना – जोश में आना।

·        खून सफेद हो जाना – दया न रह जाना।

·        खून सूखना – डर जाना।

·        खून-खच्चर होना – लड़ाई-झगड़ा होना।

·        खून-पसीना एक करना – बहुत परिश्राम करना।

·        खोद-खोदकर पूछना – अनेक सवाल पूछना।

·        खोपड़ी भिनभिनाना – तंग आना।

·        ख्याली पुलाव बनाना – कपोल कल्पनाएं करना।

·        गंगा नहाना – कर्तव्य और दायित्व पूरा करके निश्चिंत होना, सब झंझटों से छुटकारा
पाना।

·        गच्चा खाना – धोखा खाना।

·        गज भर की छाती होना – बहुत उत्साह होना।

·        गड़े मुर्दे उखाड़ना – पिछली बुरी बातें याद करना।

·        गर्दन पर सवार होना – पीछे पड़े रहना।

·        गले का हार – अत्यंत प्रिय।

·        गले पड़ना – पीछे पड़े रहना।

·        गले बांधना – इच्छा के विरुद्ध सौंपना।

·        गहरा पेट – जिसका भेद न मिले।

·        गांठ का पूरा – धनी।

·        गांठ खोलना – अड़चन दूर करना।

·        गांठ बांधना – याद रखना।

·        गागर में सागर भरना – थोड़े में बहुत कुछ कहना।

·        गाजर-मूली समझना – तुच्छ समझना।

·        गाढ़ी कमाई – कड़ी मेहनत से कमाया हुआ धन।

·        गाढ़ी छनना – घनिष्ठ मित्रता।

·        गाल बजाना – बढ़-चढ़कर बातें करना।

·        गिरगिट की तरह रंग बदलना – अपना मत, व्यवहार, वृत्तििा बदलते रहना।

·        गीदड़ भभकी – दिखावटी धमकी।

·        गुड़-गोबर करना – बना बनाया काम बिगाड़ देना।

·        गुदड़ी का लाल होना – छुपी हुई प्रतीभा।

·        गुरु घंटाल – दुष्टों का नेता।

·        गुल खिलाना – ऐसा कार्य करना जो दूसरों को उचित न लगे।

·        गूंगे का गुड़ – वह सुख का अनुभव जिसका वर्णन न किया जा सके।

·        गूलर का कीड़ा – अल्पज्ञा व्यक्ति।

·        गूलर का फूल – दुर्लभ का व्यक्ति या वस्तु।

·        गेहूं के साथ घुन पिसना – दोषी के साथ निर्दोष पर भी संकट आना।

·        गोबर गणेश – निरा मूर्ख।

·        घड़ी में तोला घड़ी में माशा – अस्थिर चित्त वाला व्यक्ति।

·        घड़ों पानी पड़ना – बहुत लज्जित होना।

·        घर फूंककर तमाशा – खुद का नुकसान करके देखना मौज करना।

·        घर में गंगा बहाना – बिना कठिनाई के कोई अच्छी वस्तु पास में ही मिल जाना।

·        घाट-घाट का पानी पीना – बहुत अनुभवी होना।

·        घाव पर नमक छिड़कना – दुखी को और दुख देना।

·        घाव हरा होना – भूला हुआ दुख फिर याद आ जाना।


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